Sunday, March 7, 2021

नारी हूँ मैं नारी हूं ‌: महिला दिवस पर समर्पित कुछ पंक्तियां

शीतल बयार हूँ  ,नाजुक गुलाब हूँ  
प्रसन्न बहार हूँ  , मजबूत पहाड़ हूँ ।
चंचल नदी हूँ  ,शांत गगन हूँ  
सहनशील  धरा हूँ  ,गहरा  सागर हूँ ।
कभी लक्ष्मी तो कभी दुर्गाहूँ  
कभी राधा तो कभी सीता हूँ ।
कभी शबरी तो कभी मीरा हूँ  
कभी काली तो कभी चंडी हूँ ।

है रूप अनेकों पर भावना अपार है
दिल में ममता और करुणा का भंडार है।
अपनों के लिए  समर्पित मेरा सारा संसार है
 जुदा है  वजूद मेरा , हिम्मत ना मैंं कभी  हारी हूँूू
नाज़ुक हूं कमजोर नहीं, हां नारी हूं मैं नारी हूं।

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महिला दिवस विशेष

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